भारत सरकार ने पशुपालन और गोवंश संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए ‘गौशाला योजना 2025’ की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत गौशालाओं के निर्माण, संचालन और विकास के लिए ₹10 लाख तक का लोन उपलब्ध कराया जा रहा है। यह योजना उन व्यक्तियों और संस्थाओं के लिए वरदान साबित हो रही है, जो गोवंश संरक्षण और डेयरी उद्योग में अपना योगदान देना चाहते हैं।
गौशाला योजना 2025 का उद्देश्य
- गोवंश संरक्षण को प्रोत्साहन देना।
- डेयरी उद्योग को बढ़ावा देना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित करना।
- कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना।
लोन की विशेषताएँ
- अधिकतम लोन राशि: ₹10 लाख
- ब्याज दर: रियायती दर पर
- पुनर्भुगतान अवधि: 5 से 10 वर्ष तक
- सब्सिडी: पात्रता के आधार पर 25% तक सब्सिडी
पात्रता मापदंड
- व्यक्तिगत, सहकारी समितियां, एनजीओ, महिला स्वयं सहायता समूह
- गौशाला संचालन का न्यूनतम 2 वर्ष का अनुभव होना चाहिए।
- न्यूनतम आयु: 21 वर्ष
- आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक खाता अनिवार्य।
आवेदन प्रक्रिया
- ऑनलाइन आवेदन:
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और ‘गौशाला योजना 2025’ पर क्लिक करें।
- आवेदन पत्र डाउनलोड करें और आवश्यक विवरण भरें।
- सभी दस्तावेज़ स्कैन करके अपलोड करें।
- ऑफ़लाइन आवेदन:
- नज़दीकी पशुपालन विभाग के कार्यालय में जाएं।
- आवेदन पत्र प्राप्त करें और आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें।
- जमा करने के बाद प्राप्ति पर्ची लें।
आवश्यक दस्तावेज़
- आधार कार्ड, पैन कार्ड की प्रति
- बैंक खाता विवरण
- भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र
- गौशाला संचालन का प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज़ फोटो
योजना से मिलने वाले लाभ
- आर्थिक सहायता से गौशालाओं का विकास
- गोवंश की सुरक्षा और देखभाल में सुधार
- दुग्ध उत्पादन में वृद्धि
- ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर
निष्कर्ष
‘गौशाला योजना 2025’ से न केवल गोवंश का संरक्षण होगा, बल्कि डेयरी उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।