भारत में वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens) को सरकार समय-समय पर कई तरह की रियायतें और सुविधाएं देती है। 2025-26 के बजट के बाद से सीनियर सिटिजंस के लिए एक और अच्छी खबर सामने आ रही है। खबरों के मुताबिक, 1 अप्रैल 2025 से बैंकिंग सेवाओं और टैक्स कटौती यानी TDS (Tax Deducted at Source) से जुड़े नियमों में बड़े बदलाव हो सकते हैं। अगर ये बदलाव लागू होते हैं तो वरिष्ठ नागरिकों को आर्थिक रूप से बड़ा फायदा मिलेगा। आइए विस्तार से जानते हैं कि क्या हो सकते हैं ये नए नियम और किसे कितना लाभ मिलेगा।
सीनियर सिटिजंस की स्थिति और सरकार की योजना
भारत में लगभग 13 करोड़ से ज्यादा वरिष्ठ नागरिक हैं जो अपनी बचत और ब्याज आय पर निर्भर रहते हैं। उनके लिए बैंकिंग सेवाएं और टैक्स नियमों में छूट देना सरकार की प्रमुख नीतियों में शामिल है। वित्त मंत्रालय और CBDT (Central Board of Direct Taxes) की ओर से सीनियर सिटिजंस के लिए कुछ बड़े बदलावों पर विचार किया जा रहा है जो 1 अप्रैल 2025 से लागू हो सकते हैं।
संभावित बदलाव 1: TDS में छूट सीमा बढ़ेगी
फिलहाल वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज आय पर TDS की सीमा 50,000 रुपये सालाना है। यानी अगर किसी बुजुर्ग की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) या अन्य ब्याज आय 50,000 रुपये से ज्यादा होती है तो उस पर TDS कटता है। सूत्रों के अनुसार इस सीमा को बढ़ाकर 75,000 रुपये या 1,00,000 रुपये सालाना किया जा सकता है। इससे वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स में बड़ी राहत मिलेगी।
संभावित बदलाव 2: बैंकिंग में अतिरिक्त सुविधाएं
बैंकिंग सेवाओं में भी वरिष्ठ नागरिकों को अतिरिक्त सुविधाएं दी जा सकती हैं। जैसे:
- FD पर अतिरिक्त ब्याज दर
- बैंक ब्रांच में अलग से सीनियर सिटिजन हेल्प डेस्क
- घर बैठे बैंकिंग सेवा (डोर स्टेप बैंकिंग)
- ATM ट्रांजेक्शन की सीमा में छूट
- न्यूनतम बैलेंस रखने की अनिवार्यता से छूट
संभावित बदलाव 3: ब्याज दरों में विशेष रियायत
सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए FD और बचत खातों में 0.50% से 1% तक अतिरिक्त ब्याज दर देने पर विचार कर रही है। इससे सीनियर सिटिजंस को अधिक ब्याज मिलेगा और उनकी मासिक आय में इजाफा होगा।
क्यों जरूरी है यह बदलाव?
कोरोना महामारी और महंगाई के दौर ने बुजुर्गों की आर्थिक स्थिति पर गहरा असर डाला है। बढ़ती दवाइयों की कीमतें, मेडिकल खर्च और जीवनयापन की लागत में तेजी से इजाफा हुआ है। ऐसे में टैक्स में छूट और बैंकिंग सुविधाओं में सुधार से बुजुर्गों को सीधा लाभ मिलेगा।
सीनियर सिटिजंस को इन बदलावों से क्या मिलेगा लाभ?
मान लीजिए किसी वरिष्ठ नागरिक को FD से सालाना 80,000 रुपये ब्याज मिलता है। अभी की स्थिति में 50,000 रुपये से ऊपर यानी 30,000 रुपये पर TDS कटता है। अगर नई सीमा 1 लाख रुपये हो जाती है तो उन्हें कोई भी TDS नहीं देना होगा।
साथ ही, अगर FD पर अतिरिक्त 1% ब्याज मिलता है तो उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी। जैसे अगर वर्तमान में 7% ब्याज मिल रहा है और बदलाव के बाद यह 8% हो जाए तो सालाना ब्याज में हजारों रुपये का फायदा होगा।
बैंकिंग सुविधाएं भी आसान हो जाएंगी। बुजुर्गों को लंबी लाइन में लगने की जरूरत नहीं होगी और घर बैठे बैंकिंग सेवाएं प्राप्त होंगी।
कैसे मिलेगा इस बदलाव का लाभ?
- वरिष्ठ नागरिकों को बैंक में अपना PAN और DOB अपडेट करवाना होगा।
- Form 15H भरकर जमा करना होगा ताकि TDS में छूट मिल सके।
- जिनके पास सीनियर सिटिजन सर्टिफिकेट नहीं है, वे बैंक में आवेदन करके इसे बनवा सकते हैं।
- FD और अन्य निवेश करते समय सीनियर सिटिजन कैटेगरी चुनें।
सरकार की तैयारी
CBDT और वित्त मंत्रालय इस प्रस्ताव पर तेजी से काम कर रहे हैं और जल्द ही अधिसूचना जारी हो सकती है। संभवतः यह नया नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू हो जाएगा। बजट में इसका संकेत मिल चुका है और बैंकिंग सेक्टर भी इस पर काम कर रहा है।
निष्कर्ष
सीनियर सिटिजंस के लिए यह एक राहत भरी खबर हो सकती है। अगर आप भी इस वर्ग में आते हैं तो समय रहते अपने बैंकिंग दस्तावेज और PAN से जुड़ी जानकारी अपडेट कर लें ताकि इन सुविधाओं का पूरा लाभ मिल सके। बैंकिंग और TDS में मिलने वाली छूट से बुजुर्गों को सीधा आर्थिक फायदा मिलेगा और उनका जीवन और भी सुविधाजनक बन जाएगा।
इससे जुड़ी कोई भी नई जानकारी या अधिसूचना आने पर हम आपको जरूर अपडेट देंगे।